Thursday, November 1, 2018

HC से अस्थाना को राहत, कोर्ट ने कहा- नहीं हो सकते गिरफ्तार, 14 को अगली सुनवाई

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई का मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. सीबीआई ने छुट्टी पर भेजे गए स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना द्वारा दाखिल की बेल याचिका का विरोध किया है. हाईकोर्ट ने भी कहा है कि राकेश अस्थाना को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.

सीबीआई ने कहा है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है, इसलिए राकेश अस्थाना को बेल नहीं मिलनी चाहिए. जब दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि मामले में जांच कहा तक आगे बढ़ी तो सीबीआई ने कहा कि अभी आधे से अधिक फाइल सीवीसी के पास हैं. इसलिए वह जांच आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं.

हालांकि, अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक अभी भी बरकरार है. सीबीआई ने अपने जवाब में कहा कि राकेश आस्थाना के ऊपर जो रिश्वत लेने का आरोप है, अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि जबतक जांच चल रही है, एफआईआर को रद्द नहीं करना चाहिए.

CBI की ओर से कहा गया कि अभी इस मामले में अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच हो रही है. राकेश अस्थाना की ओर से सीनियर वकील अमरेंद्र सेन कोर्ट में गए. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें सीबीआई के जवाब की कॉपी नहीं मिली है, इसलिए उन्हें अपना जवाब दायर करने के लिए समय चाहिए.

दरअसल, राकेश अस्थाना ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर बिल्कुल गलत है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

बता दें कि घूसकांड विवाद के बाद सीवीसी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. इसके अलावा इस घूसकांड में राकेश अस्थाना पर FIR दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ वह कोर्ट पहुंचे थे.

केन्द्र सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पिछले कुछ दिनों से इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं. इन खबरों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने गवर्नर उर्जित पटेल को लेकर बड़ा बयान दिया है.

स्वदेशी जागरण मंच ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिये अन्यथा वह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन के मुताबिक, "आरबीआई के गवर्नर को सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिये वरना वह इस्तीफा दे सकते हैं."

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर के साथ-साथ अन्य अधिकारियों को सरकार के साथ किसी भी तरह की असहमति होने पर सार्वजनिक तौर पर बोलने से बचना चाहिए. महाजन ने कहा यदि सरकार के साथ किसी मुद्दे पर असहमति है तो उसे सार्वजनिक तौर पर नहीं बल्कि बैंक के निदेशक मंडल में उठाना चाहिए.

डिप्टी गवर्नर के बयान से खड़ा हुआ बवाल

गौरतलब है कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने हाल में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से संबंधित मुद्दा उठाया था. उन्होंने चेताया कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से छेड़छाड़ ‘विनाशकारी’ साबित हो सकती है.