Wednesday, January 30, 2019

कुंभः क्या वाक़ई डुबकी लगाने वाले यूपी के पहले सीएम हैं योगी आदित्यनाथ?

दक्षिणपंथी रुझान वाले सोशल मीडिया ग्रुप्स में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की कुंभ मेले के दौरान गंगा में स्नान करने की तस्वीरें इस दावे के साथ शेयर की जा रही हैं कि वो ऐसा करने वाले यूपी के पहले सीएम हैं.

कई लोगों ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को कथित तौर पर हिंदुओं की शान बताते हुए ये लिखा है कि आज तक सूबे के किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा कार्य नहीं किया है.

कई फ़ेसबुक ग्रुप्स में उत्तर प्रदेश के सीएम की तस्वीरें इसी दावे के साथ सैकड़ों बार शेयर की गई हैं.

मंगलवार को आदित्यनाथ योगी ने कुंभ मेले में यूपी सरकार के मंत्री परिषद के सदस्यों के साथ पवित्र कहे जाने वाले संगम तट के पास स्नान किया था. इसके बाद कुछ संतों के साथ मिलकर उन्होंने गंगा की आरती भी की थी.

आदित्यनाथ योगी के आधिकारिक ट्वीट के अनुसार मंगलवार को उन्होंने संगम तट पर स्थित किले में 'अक्षयवट' के दर्शन भी किये थे.

लेकिन सीएम योगी के समर्थक जो दावा कर रहे हैं कि वो ऐसा करने वाले पहले सीएम हैं, सही नहीं हैं.

2007 का कुंभ मेला
अपनी पड़ताल में हमने पाया कि आदित्यनाथ योगी से पहले सीएम रहते हुए समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव भी इलाहाबाद अर्धकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं.

मुलायम सिंह यादव ने सीएम के तौर पर अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान साल 2007 के इलाहाबाद अर्धकुंभ मेले में स्नान किया था. वो शनिवार का दिन था और तारीख़ थी 20 जनवरी.

कुछ पुरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अपने विशेष विमान से इलाहाबाद पहुँचे थे.

अर्धकुंभ की तैयारियों का मुआयना करने के लिए मुख्यमंत्री का यह दौरा रखा गया था.

इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने सभी 13 अखाड़ों का समायोजन करने वाली समिति, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उस समय अध्यक्ष रहे महंत ज्ञान दास से मुलाक़ात भी की थी.

इसके बाद गंगा, यमुना और कल्पित सरस्वती नदी के संगम पर स्थित वीआईपी घाट में मुलायम सिंह यादव ने स्नान किया था.

प्रयागराज (इलाहाबाद) से वास्ता रखने वाले कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के अनुसार साल 2001 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इलाहाबाद महाकुंभ में स्नान किया था.

हालांकि उस वक़्त इंटरनेट और सोशल मीडिया इतना विशाल नहीं था, इसलिए इस मौक़े की ऑनलाइन रिपोर्ट्स इंटरनेट पर नहीं मिलतीं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से पहले रविवार 27 जनवरी को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी कुंभ में स्नान करने पहुंचे थे.

अब अखिलेश यादव की इन तस्वीरों को शेयर करते हुए दक्षिणपंथी ग्रुप्स में ये दावा किया जा रहा है कि 'सिर्फ़ हज का जश्न मनाने वाले समाजवादी नेताओं को भी मोदी-योगी की सरकार ने कुंभ स्नान करने पर मजबूर कर दिया'. हालांकि मुलायम सिंह के कुंभ स्नान की तस्वीरें इस दावे को भी झूठा ठहराती हैं.

वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी के अनुसार इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेले में सूबे के किसी भी तत्कालीन मुख्यमंत्री का स्नान करना कोई नया ट्रेंड नहीं है.

उन्होंने बताया, "ऐसे पुराने आर्काइव वीडियो मिलते हैं जिनमें संयुक्त प्रांत (अविभाजित उत्तर प्रदेश) के सबसे पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत को भी महाकुंभ मेले का जायज़ा लेते और स्नान करते देखा जा सकता है. लेकिन अब इसका राजनीतिक प्रचार बढ़ गया है."

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की कुंभ स्नान की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हुई थीं.

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी 4 फ़रवरी को कुंभ में स्नान करने वाली हैं.

Tuesday, January 22, 2019

बुरी तरह जल जाने के बावजूद एक कराह भी नहीं निकली थी नेताजी के मुंह से

दूसरे युद्ध में जापान की हार के बाद सुदूर पूर्व में उसकी सेनाएं बिखर चुकी थीं. उनका मनोबल बुरी तरह से गिरा हुआ था.

सुभाषचंद्र बोस भी सिंगापुर से बैंकाक होते हुए सैगोन पहुंचे थे.

वहाँ से आगे जाने के लिए एक भी जापानी विमान उपलब्ध नहीं था. बहुत कोशिशों के बाद उन्हें एक जापानी बमवर्षक विमान में जगह मिली.

हवाई अड्डे पर छोड़ने आए अपने साथियों से उन्होंने हाथ मिला कर जय हिंद कहा और तेज़ी से कुछ सीढ़ियाँ चढ़ कर विमान में अन्तर्धान हो गए.

उनके एडीसी कर्नल हबीबुर रहमान ने भी सब को जयहिंद कहा और उनके पीछे पीछे विमान पर चढ़ गए.

नेताजी की मौत पर 'लेड टू रेस्ट' किताब लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार आशिस रे बताते हैं, "उस विमान में क्रू समेत 14 लोग सफ़र कर रहे थे. पायलट के ठीक पीछे नेताजी बैठे हुए थे. उनके सामने पैट्रोल के बड़े बड़े 'जेरी केन' रखे हुए थे. नेताजी के पीछे हबीब बैठे हुए थे."

"विमान में घुसते ही जापानियों ने नेताजी को सह पायलट की सीट देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने उसे विनम्रतापूर्वक मना कर दिया था. वजह ये थी कि नेताजी जैसे बड़े कदकाठी वाले शख़्स के लिए वो सीट काफ़ी छोटी थी."

"पायलट और लेफ़्टिनेंट जनरल शीदे के अलावा सभी लोग विमान की ज़मीन पर बैठे हुए थे. नेताजी को एक छोटा सा कुशन दिया गया था ताकि उनकी पीठ को अराम मिल सके. इन सभी लोगों के पास कोई सीट बेल्ट नहीं थी.

उस बमवर्षक विमान के भीतर बहुत ठंड थी. उस ज़माने में युद्धक विमानों में 'एयर कंडीशनिंग' नहीं होती थी और हर 1000 मीटर ऊपर जाने पर विमान का दर का तापमान छह डिग्री गिर जाता था. इसलिए 4000 फ़ीट की ऊंचाई पर तापमान धरती के तापमान से कम से कम 24 डिग्री कम हो गया था.

उड़ान के दौरान ही उन्होंने रहमान से अपनी ऊनी जैकेट मांग कर पहन ली. दोपहर 2 बज कर 35 मिनट पर बमवर्षक ने ताईपे से आगे के लिए उड़ान भरी.

शाहनवाज़ कमीशन को दिए अपने वक्तव्य में कर्नल हबीबुर्रहमान ने बताया, "विमान बहुत ऊपर नहीं गया था और अभी एयरफ़ील्ड सीमा के अंदर ही था कि मुझे विमान के सामने के हिस्से से धमाके की आवाज़ सुनाई दी. बाद में मुझे पता चला कि विमान का एक प्रोपेलर टूट कर नीचे गिर गिया था. जैसे ही विमान नीचे गिरा उसके अगले और पिछले हिस्से में आग लग गई."

कर्नल हबीबुर रहमान ने आगे कहा, "विमान गिरते ही नेताजी ने मेरी तरफ़ देखा. मैंने उनसे कहा, 'नेताजी आगे से निकलिए, पीछे से रास्ता नहीं है.' आगे के रास्ते में भी आग लगी हुई थी. नेताजी आग से हो कर निकले. लेकिन उनका कोट सामने रखे जेरी कैन के पेट्रोल से सराबोर हो चुका था."

"मैं जब बाहर आया तो मैंने देखा कि नेताजी मुझसे 10 मीटर की दूरी पर खड़े थे और उनकी निगाह पश्चिम की तरफ़ थी. उनके कपड़ों में आग लगी हुई थी. मैं उनकी तरफ़ दौड़ा और मैंने बहुत मुश्किल से उनकी 'बुशर्ट बेल्ट' निकाली. फिर मैंने उन्हें ज़मीन पर लिटा दिया. मैंने देखा कि उनके सिर के बाएं हिस्से पर 4 इंच लंबा गहरा घाव था."

"मैंने रुमाल लगा कर उसमें से निकल रहे ख़ून को रोकने की कोशिश की. तभी नेताजी ने मुझसे पूछा, आपको ज़्यादा तो नहीं लगी ? मैंने कहा 'मैं ठीक हूँ.'

"उन्होंने कहा 'मैं शायद बच नहीं पाउंगा.' मैंने कहा, 'अल्लाह आपको बचा लेगा.' बोस बोले, 'नहीं मैं ऐसा नहीं समझता. जब आप मुल्क वापस जाएं तो लोगों को बताना कि मैंने आख़िरी दम तक मुल्क की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी. वो जंगे-आज़ादी को जारी रखें. हिंदुस्तान ज़रूर आज़ाद होगा."

Thursday, January 10, 2019

आलोक वर्मा की विदाई पर बोले राहुल गांधी : मिस्टर मोदी को रात में नींद नहीं आ रही

सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को उनके पद हटाए जाने के बाद से ही सियासी बयानबाज़ी शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया संघर्ष छिड़ गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय सलेक्शन कमेटी ने गुरुवार रात को सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को उनके पद से हटाने का फ़ैसला लिया था. उन्हें अग्निशमन विभाग का निदेशक बनाया गया है.

दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फ़ैसले को निरस्त कर दिया था. इसके बाद आलोक वर्मा ने बुधवार को अपना कार्यभार दोबारा संभाला था.

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों वाली समिति ने लंबी बैठक के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का 2-1 से फ़ैसला किया.

इस बैठक में लोक सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की ओर से नियुक्त जस्टिस एके सीकरी भी शामिल थे. मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाने के फ़ैसले का विरोध किया था.

आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद पक्ष विपक्ष के तमाम नेता इस फ़ैसले की समीक्षा में जुटे हैं. ट्विटर पर इस फ़ैसले से जुड़े कई हैशटैग टॉप ट्रेंड बने हुए हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संबंध में दो ट्वीट किए हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने सवाल किए हैं कि प्रधानमंत्री सीबीआई प्रमुख को हटाने के लिए इतनी ज़ल्दी में क्यों हैं? और प्रधानमंत्री ने सीबीआई प्रमुख को उच्चस्तरीय समिति के सामने पेश होने की इजाज़त क्यों नहीं दी?

अपने दूसरे ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा है, ''मिस्टर मोदी के दिमाग में डर हावी हो चुका है. वे रात को सो नहीं पा रहे. उन्होंने आईएएफ़ से 30 हज़ार करोड़ रुपए चोरी किए और अनिल अंबानी को दे दिए. सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को लगातार दो बार पद से हटाना, साफ़तौर पर दर्शाता है कि वे अपने ही झूठ में फंस चुके हैं. सत्यमेव जयते''

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर लिखा, ''ब्रेकिंग! आलोक वर्मा के सीबीआई निदेशक के पद पर लौटने के एक दिन बाद ही मोदी के नेतृत्व में बनी समिति ने उन्हें दोबारा पद से हटा दिया है और वो भी उनकी सुनवाई के बिना. यह सब इस डर से किया गया कि आलोक वर्मा मोदी के ख़िलाफ़ रफ़ाल सौदे से जुड़ी एक एफ़आईआर करने जा रहे थे.''

दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से भी इस फ़ैसले के बाद कई ट्वीट किए गए. बीजेपी महिला मोर्चा की सोशल मीडिया प्रमुख प्रीति गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, ''आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक के पद से हटाकर पीएम मोदी ने यह दिखाया है कि अंतिम निर्णय लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए देश के प्रधानमंत्री ही लेंगे.''

इस बीच ट्विटर पर कांग्रेस नेता और आलोक वर्मा को हटाने का फ़ैसला करने वाली उच्चस्तरीय समिति के सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे को भी कई बीजेपी नेताओं ने अपने निशाने पर लिया.

दरअसल इस तीन सदस्यीय समिति में खड्गे ने अकेले आलोक वर्मा को हटाए जाने के फ़ैसले का विरोध किया था.

जिस वक़्त केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के तौर पर नियुक्त किया था तब भी मल्लिकार्जुन खड्गे ने अपना विरोध दर्ज कराया था.

बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने इस संबंध में ट्वीट किया, ''श्री मल्लिकार्जुन खड्गे ने आलोक वर्मा की नियुक्ति और बर्खास्तगी दोनों पर अपना विरोध जताया था. यह साबित करता है कि कांग्रेस बिना सोचे समझे किसी भी बात का विरोध करती है. यहां तक कि कई बार तो खुद की विश्वसनीयता की कीमत पर.''

Friday, January 4, 2019

पुजारा के बाद ऋषभ पंत ने जमाई सिडनी में सेंचुरी

चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत के शतकों के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सिडनी में खेले जा रहे चौथे और आखिरी टेस्ट मैच पर पकड़ मजबूत कर ली है.

भारत ने मैच के दूसरे दिन शुक्रवार को पहली पारी सात विकेट पर 622 रन बनाकर घोषित की. जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक बिना नुकसान 24 रन बना लिए हैं. मेजबान टीम भारत के पहली पारी के स्कोर से 598 रन पीछे है.

भारत के लिए पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा ने 193, पंत ने नाबाद 159, रविंद्र जडेजा ने 81 और मयंक अग्रवाल ने 77 रन बनाए.

पंत और रविंद्र जडेजा के बीच दूसरे दिन सातवें विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी हुई. इसमें पंत ने 115 रन का योगदान दिया. इस साझेदारी के दौरान भारत ने 5.46 रन प्रतिओवर की दर से रन बनाए.

ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन वो कमाल अपने नाम दर्ज़ करा लिया जो महेंद्र सिंह धोनी और फ़ारुक़ इंजीनियर जैसे दिग्गज़ भारतीय विकेटकीपरों के नाम भी नहीं था.

सिडनी टेस्ट के पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन का 'बेबी सिटर' चैलेंज पूरा करने वाले पंत ने मैदान पर मेजबान गेंदबाज़ों की चुनौती को कमतर बनाते हुए सिर्फ़ 137 गेंदों में शतक जमा दिया.

इसके साथ ही वो ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाने वाले भारत के पहले विकेटकीपर बल्लेबाज़ बन गए. पंत की पारी और उनकी चेतेश्वर पुजारा और रविंद्र जडेजा के साथ अहम साझेदारी ने सिडनी टेस्ट में भारत को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया.

नवां टेस्ट खेल रहे ऋषभ पंत के टेस्ट करियर का ये दूसरा शतक है. इसके पहले उन्होंने इंग्लैंड में शतक जमाया था. इंग्लैंड के ख़िलाफ ओवल टेस्ट में उन्होंने 114 रन बनाए थे.

वेस्ट इंडीज के पूर्व विकेटकीपर जैफ़ डुजों के बाद वो दूसरे ऐसे मेहमान विकेटकीपर बन गए हैं जिन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों में शतक बनाया है.

पंत ने अपनी दमदार पारी में चेतेश्वर पुजारा और रविंद्र जडेजा के साथ अहम साझेदारियां भी की.

उन्होंने पुजारा के साथ पांचवें विकेट के लिए नवासी रन जोड़े. पहले दिन नाबाद 130 रन बनाने वाले पुजारा भी दूसरे दिन लय में दिख रहे थे लेकिन वो दोहरा शतक पूरा नहीं कर सके. वो 193 रन बनाकर नैथन लॉयन की गेंद पर आउट हुए.

इसके बाद पंत ने रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया. जडेजा ने पंत का बखूबी साथ निभाते हुए 89 गेंदों में हाफ सेंचुरी पूरी कर ली. वो 81 रन बनाकर लॉयन की गेंद पर आउट हुए.

सिडनी में करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने वाले पंत मौजूदा टेस्ट सिरीज़ में रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर आ गए हैं. सिरीज़ में उनसे ज़्यादा रन सिर्फ़ पुजारा ने बनाए हैं. पुजारा मौजूदा सिरीज़ में 521 और पंत 350 रन बना चुके हैं. भारतीय कप्तान विराट कोहली 282 रन बनाकर तीसरे स्थान पर हैं.