लोकसभा चुनावों के पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल का गठबंधन होगा.
द हिंदू ने विश्वत सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने की उम्मीदें बहुत कम है. तीनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार है.
ख़बर के मुताबिक अंतिम घोषणा अखिलेश यादव और मायावती करेंगी. पार्टी से सूत्र ने बताया है कि ये गठबंधन 'तय' है और ये हो सकता है कि गठबंधन अमेठी और राय बरेली सीट पर अपने उम्मीदवार न उतारे.
सीबीएसई: 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी और 10वीं की परीक्षा 21 फरवरी से
सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा की डेटशीट जारी कर दी है. 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होगी, जो तीन अप्रैल तक चलेगी. वहीं 10वीं की परीक्षा 21 फरवरी से 29 मार्च तक चलेगी.
दोनों परीक्षाओं के परिणाम जून के पहले सप्ताह में घोषित की जा सकती है. दोनों परीक्षाएं प्रथम पाली में सुबह 10.30 बजे से शुरू होंगी.
केसीआर और नवीन पटनायक ने की मुलाक़ात
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजु जनता दल प्रमुख नवीन पटनायक से मुलाक़ात कर बीजेपी और कांग्रेस को छोड़ तीसरे विकल्प की संभावनाओं पर चर्चा की. केसीआर ने पटनायक से मिलने के बाद कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों को एक साथ आने की ज़रूरत है क्योंकि देश के लोग बदलाव चाहते हैं.
राव ने कहा, ''तीसरे मोर्चे के बातचीत शुरू हो गई है. हमलोग एक विचारधारा की पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि अभी कुछ भी ठोस बाहर नहीं आ पाया है. आने वाले दिनों में हम एक बार फिर मिलेंगे.'' पटनायक ने इस कोशिश के लिए केसीआर ने शुक्रिया कहा.
राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार सोमवार को
राजस्थान में सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11.30 बजे जयपुर में आयोजित होगा, जिसमें 23 मंत्रियों की शपथ दिलाई जाएगी. मीडिया ख़बरों के 22 मंत्री कांग्रेस के होंगे, वहीं एक मंत्री राष्ट्रीय लोक दल से होंगे.
वहीं छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का विस्तार मंगलवार को होगा. इस दिन दस विधयाक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
अमरीकाः पैट्रिक शानान होंगे रक्षा मंत्री
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अमरीका के उप रक्षा मंत्री पैट्रिक शानान, जिम मैटिस की जगह लेंगे. जनवरी की शुरुआत में वो ये पदभार संभालेंगे.
जिम मैटिस ने पिछले सप्ताह अमरीका के रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. माना जा रहा है मैटिस ने यह फ़ैसला ट्रंप के हाल ही में लिए गए उस फ़ैसले से असहमति के चलते लिया है जिसमें ट्रंप ने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही थी.
Sunday, December 23, 2018
Wednesday, December 12, 2018
स्ट्रासबर्ग शहर में भीड़ भरे बाजार में गोलीबारी, 3 की मौत; हमलावर फरार
फ्रांस के स्ट्रासबर्ग शहर में मंगलवार देर रात एक बंदूकधारी हमलावर ने भीड़ भरे बाजार पर गोलीबारी कर दी। हमले में तीन लोगों की मौत हुई। 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस के मुताबिक, शाम के वक्त सेंट्रल स्क्वेयर बाजार में क्रिसमस की खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। फ्रांस की काउंटर टेररिज्म (आतंकवाद निरोधी) फोर्स मामले की जांच कर रही है।
फ्रांस के गृह मंत्री क्रिस्टोफ कैस्टेनर के मुताबिक, “हमलावर गोलीबारी करने के बाद भागने में कामयाब हो गया। उसने पुलिस बल पर भी दो बार फायरिंग की।” तीन लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए कैस्टेनर ने कहा कि बॉर्डर पर सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल 350 सिक्योरिटी एजेंट्स हमलावर की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने क्रिसमस पर सभी बाजारों की सुरक्षा बढ़ाने की भी बात कही।
हमलावर की पहचान उजागर
पुलिस के मुताबिक, हमलावर स्ट्रासबर्ग का रहने वाला ही एक 29 साल का आदमी है। विभाग को पहले से ही उसके आतंकी होने का शक था। अधिकारी मंगलवार सुबह उसे गिरफ्तार करने न्यूडोर्फ स्थित उसके घर भी गए थे। हालांकि, हमलावर पहले ही अपना घर छोड़कर भाग चुका था। पुलिस को उसके घर से खोजबीन के दौरान ग्रेनेड मिले हैं। इस घटना के बाद न्यूडोर्फ के लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पुलिस ने हमलावर को इसी इलाके में फिर से ट्रैक किया है।
ढूंढाड़-मारवाड़ में भाजपा ने 60 सीटें हारीं : इन दो इलाकों में भाजपा की 91 सीटें थीं। अब सिर्फ 31 हैं। आनंदपाल एनकाउंटर और पद्मावत प्रकरण से शेखावाटी में भाजपा की 12 सीटें कम हुईं। ढूंढाड़ में सचिन पायलट का असर दिखा। मारवाड़ में अशोक गहलोत का। मत्स्य क्षेत्र में योगी ने हनुमान जी को दलित बताया था। राजपूत इसके विरोध में आए। फायदा कांग्रेस को हुआ।
एससी/एसटी भाजपा की 29 सीटें कम हुईं : 2013 में भाजपा ने एससी/एसटी के लिए तय 58 सीटों में से 49 सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस ने 31 जीतीं। एससी/एसटी एक्ट में केंद्र द्वारा लाए गए बिल से सवर्ण वोटर नाराज हैं। इस पर हिंसा हुई थी। इससे भाजपा को ही नुकसान हुआ।
गांवों में कांग्रेस 63 सीटों से आगे : 153 ग्रामीण सीटों में से भाजपा के पास 123 सीटें थीं। इस बार कांग्रेस 63 सीटों से आगे हो गई है। किसान आंदोलन से ग्रामीण नाराज हैं। कांग्रेस के कर्ज माफी का वादा भी काम आया।
अगला सीएम कौन : सीएम रह चुके गहलोत और युवा सचिन दौड़ में
अशोक गहलोत : दो बार के सीएम। 100 रैलियां कीं। 40% टिकट तय किए। पिछड़ी जाति पर पकड़।
सचिन पायलट : राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष। कुल 230 सभाएं कीं। 50% टिकट सचिन ने ही तय किए। उपचुनाव में जीत दिलाई। राहुल के करीबी।
फ्रांस के गृह मंत्री क्रिस्टोफ कैस्टेनर के मुताबिक, “हमलावर गोलीबारी करने के बाद भागने में कामयाब हो गया। उसने पुलिस बल पर भी दो बार फायरिंग की।” तीन लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए कैस्टेनर ने कहा कि बॉर्डर पर सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल 350 सिक्योरिटी एजेंट्स हमलावर की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने क्रिसमस पर सभी बाजारों की सुरक्षा बढ़ाने की भी बात कही।
हमलावर की पहचान उजागर
पुलिस के मुताबिक, हमलावर स्ट्रासबर्ग का रहने वाला ही एक 29 साल का आदमी है। विभाग को पहले से ही उसके आतंकी होने का शक था। अधिकारी मंगलवार सुबह उसे गिरफ्तार करने न्यूडोर्फ स्थित उसके घर भी गए थे। हालांकि, हमलावर पहले ही अपना घर छोड़कर भाग चुका था। पुलिस को उसके घर से खोजबीन के दौरान ग्रेनेड मिले हैं। इस घटना के बाद न्यूडोर्फ के लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पुलिस ने हमलावर को इसी इलाके में फिर से ट्रैक किया है।
ढूंढाड़-मारवाड़ में भाजपा ने 60 सीटें हारीं : इन दो इलाकों में भाजपा की 91 सीटें थीं। अब सिर्फ 31 हैं। आनंदपाल एनकाउंटर और पद्मावत प्रकरण से शेखावाटी में भाजपा की 12 सीटें कम हुईं। ढूंढाड़ में सचिन पायलट का असर दिखा। मारवाड़ में अशोक गहलोत का। मत्स्य क्षेत्र में योगी ने हनुमान जी को दलित बताया था। राजपूत इसके विरोध में आए। फायदा कांग्रेस को हुआ।
एससी/एसटी भाजपा की 29 सीटें कम हुईं : 2013 में भाजपा ने एससी/एसटी के लिए तय 58 सीटों में से 49 सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस ने 31 जीतीं। एससी/एसटी एक्ट में केंद्र द्वारा लाए गए बिल से सवर्ण वोटर नाराज हैं। इस पर हिंसा हुई थी। इससे भाजपा को ही नुकसान हुआ।
गांवों में कांग्रेस 63 सीटों से आगे : 153 ग्रामीण सीटों में से भाजपा के पास 123 सीटें थीं। इस बार कांग्रेस 63 सीटों से आगे हो गई है। किसान आंदोलन से ग्रामीण नाराज हैं। कांग्रेस के कर्ज माफी का वादा भी काम आया।
अगला सीएम कौन : सीएम रह चुके गहलोत और युवा सचिन दौड़ में
अशोक गहलोत : दो बार के सीएम। 100 रैलियां कीं। 40% टिकट तय किए। पिछड़ी जाति पर पकड़।
सचिन पायलट : राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष। कुल 230 सभाएं कीं। 50% टिकट सचिन ने ही तय किए। उपचुनाव में जीत दिलाई। राहुल के करीबी।
Sunday, December 9, 2018
क्राउन प्रिंस सलमान के बारे में जानिए उनके टीचर से
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान विवादों में हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले उनके बारे में बाहरी दुनिया को कम ही जानकारी थी.
मोहम्मद बिन सलमान की ज़िंदगी कैसी है और सऊदी राजमहल कैसा होता है, बता रहे हैं बीबीसी अरबी संवाददाता राशिद सेक्काई. राशिद मोहम्मद बिन सलमान के शिक्षक रह चुके हैं.
ऐसे बना मैं क्राउन प्रिंस का टीचर
साल 1996 की बात है. मैं उस वक़्त जेद्दा के नामी अल-अंजल स्कूल में पढ़ाता था. प्रिंस सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद (क्राउन प्रिंस के पिता) उस वक़्त रियाद के गवर्नर थे और अपने परिवार के साथ लाल सागर के तट पर बसे जेद्दा शहर में रहने के लिए आए थे.
उन्हें अपने बच्चों के लिए एक अंग्रेज़ी टीचर की ज़रूरत थी. प्रिंस सलमान बाद में देश के बादशाह बने.
टीचर के लिए प्रिंस सलमान ने उस स्कूल से संपर्क किया जहां मैं पढ़ाता था.
इसके बाद मुझे तुरंत ही राजमहल ले जाया गया और उनके परिवार में निजी टीचर के तौर पर नियुक्त किया गया. मेरी ज़िम्मेदारी थी प्रिंस टुर्की, प्रिंस नायफ़, प्रिंस ख़ालिद, और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाना.
मैं शहर में एक फ़्लैट में रहता था. मेरे लिए एक गाड़ी का इंतज़ाम किया गया था. सवेरे सात बजे एक ड्राइवर कार लेकर मेरे घर पहुंचता था और मुझे अल-अंजल स्कूल पहुंचाता था. इसके बाद वो स्कूल ख़त्म होने का इंतज़ार करता था और फिर मुझे लेकर राजमहल की ओर चल पड़ता था.
कार जिस गेट से होकर जाती थी वहां हथियारबंद जवानों की कड़ी सुरक्षा होती थी. इसके बाद कार जिस रास्ते से गुज़रती थी वहां आलीशान बंगले होते, जिन्हें देख कर आप अचंभे में पड़ जाएं. बंगलों के सामने बड़े-बड़े बगीचे थे, जिसकी देखरेख सफ़ेद पोशाक पहने कर्मचारी करते थे.
कार पार्किंग में पहुंचती थी, जहां पहले से ही कई चमचमाती लग्ज़री गाड़ियां खड़ी होती थीं. यहीं पहली बार मैंने एक गुलाबी रंग की कैडिलैक कार देखी थी.
राजमहल में पहुंचने पर राजमहल के निर्देशक मंसूर अल-शाहरी मेरा स्वागत करते. वो मुझे भीतर लेकर जाते. 11 साल के प्रिंस मोहम्मद उनके साथ खेलना पसंद करते थे.
वॉकी-टॉकी अधिक पसंद थी
मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाई से अधिक राजमहल के सुरक्षाकर्मियों में दिलचस्पी थी और वो उनके साथ वक़्त बिताना पसंद करते थे.
वो अपने सभी भाइयों में बड़े थे और अपने मन से काम करना अधिक पसंद करते थे.
मैं उनके छोटे भाइयों का ध्यान तभी तक बनाए रख सकता था बज तक मोहम्मद बिन सलमान वहां ना पहुंचें.
मोहम्मद बिन सलमान की ज़िंदगी कैसी है और सऊदी राजमहल कैसा होता है, बता रहे हैं बीबीसी अरबी संवाददाता राशिद सेक्काई. राशिद मोहम्मद बिन सलमान के शिक्षक रह चुके हैं.
ऐसे बना मैं क्राउन प्रिंस का टीचर
साल 1996 की बात है. मैं उस वक़्त जेद्दा के नामी अल-अंजल स्कूल में पढ़ाता था. प्रिंस सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद (क्राउन प्रिंस के पिता) उस वक़्त रियाद के गवर्नर थे और अपने परिवार के साथ लाल सागर के तट पर बसे जेद्दा शहर में रहने के लिए आए थे.
उन्हें अपने बच्चों के लिए एक अंग्रेज़ी टीचर की ज़रूरत थी. प्रिंस सलमान बाद में देश के बादशाह बने.
टीचर के लिए प्रिंस सलमान ने उस स्कूल से संपर्क किया जहां मैं पढ़ाता था.
इसके बाद मुझे तुरंत ही राजमहल ले जाया गया और उनके परिवार में निजी टीचर के तौर पर नियुक्त किया गया. मेरी ज़िम्मेदारी थी प्रिंस टुर्की, प्रिंस नायफ़, प्रिंस ख़ालिद, और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाना.
मैं शहर में एक फ़्लैट में रहता था. मेरे लिए एक गाड़ी का इंतज़ाम किया गया था. सवेरे सात बजे एक ड्राइवर कार लेकर मेरे घर पहुंचता था और मुझे अल-अंजल स्कूल पहुंचाता था. इसके बाद वो स्कूल ख़त्म होने का इंतज़ार करता था और फिर मुझे लेकर राजमहल की ओर चल पड़ता था.
कार जिस गेट से होकर जाती थी वहां हथियारबंद जवानों की कड़ी सुरक्षा होती थी. इसके बाद कार जिस रास्ते से गुज़रती थी वहां आलीशान बंगले होते, जिन्हें देख कर आप अचंभे में पड़ जाएं. बंगलों के सामने बड़े-बड़े बगीचे थे, जिसकी देखरेख सफ़ेद पोशाक पहने कर्मचारी करते थे.
कार पार्किंग में पहुंचती थी, जहां पहले से ही कई चमचमाती लग्ज़री गाड़ियां खड़ी होती थीं. यहीं पहली बार मैंने एक गुलाबी रंग की कैडिलैक कार देखी थी.
राजमहल में पहुंचने पर राजमहल के निर्देशक मंसूर अल-शाहरी मेरा स्वागत करते. वो मुझे भीतर लेकर जाते. 11 साल के प्रिंस मोहम्मद उनके साथ खेलना पसंद करते थे.
वॉकी-टॉकी अधिक पसंद थी
मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाई से अधिक राजमहल के सुरक्षाकर्मियों में दिलचस्पी थी और वो उनके साथ वक़्त बिताना पसंद करते थे.
वो अपने सभी भाइयों में बड़े थे और अपने मन से काम करना अधिक पसंद करते थे.
मैं उनके छोटे भाइयों का ध्यान तभी तक बनाए रख सकता था बज तक मोहम्मद बिन सलमान वहां ना पहुंचें.
Thursday, November 1, 2018
HC से अस्थाना को राहत, कोर्ट ने कहा- नहीं हो सकते गिरफ्तार, 14 को अगली सुनवाई
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई का मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. सीबीआई ने छुट्टी पर भेजे गए स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना द्वारा दाखिल की बेल याचिका का विरोध किया है. हाईकोर्ट ने भी कहा है कि राकेश अस्थाना को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.
सीबीआई ने कहा है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है, इसलिए राकेश अस्थाना को बेल नहीं मिलनी चाहिए. जब दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि मामले में जांच कहा तक आगे बढ़ी तो सीबीआई ने कहा कि अभी आधे से अधिक फाइल सीवीसी के पास हैं. इसलिए वह जांच आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं.
हालांकि, अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक अभी भी बरकरार है. सीबीआई ने अपने जवाब में कहा कि राकेश आस्थाना के ऊपर जो रिश्वत लेने का आरोप है, अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि जबतक जांच चल रही है, एफआईआर को रद्द नहीं करना चाहिए.
CBI की ओर से कहा गया कि अभी इस मामले में अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच हो रही है. राकेश अस्थाना की ओर से सीनियर वकील अमरेंद्र सेन कोर्ट में गए. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें सीबीआई के जवाब की कॉपी नहीं मिली है, इसलिए उन्हें अपना जवाब दायर करने के लिए समय चाहिए.
दरअसल, राकेश अस्थाना ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर बिल्कुल गलत है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि घूसकांड विवाद के बाद सीवीसी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. इसके अलावा इस घूसकांड में राकेश अस्थाना पर FIR दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ वह कोर्ट पहुंचे थे.
केन्द्र सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पिछले कुछ दिनों से इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं. इन खबरों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने गवर्नर उर्जित पटेल को लेकर बड़ा बयान दिया है.
स्वदेशी जागरण मंच ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिये अन्यथा वह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन के मुताबिक, "आरबीआई के गवर्नर को सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिये वरना वह इस्तीफा दे सकते हैं."
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर के साथ-साथ अन्य अधिकारियों को सरकार के साथ किसी भी तरह की असहमति होने पर सार्वजनिक तौर पर बोलने से बचना चाहिए. महाजन ने कहा यदि सरकार के साथ किसी मुद्दे पर असहमति है तो उसे सार्वजनिक तौर पर नहीं बल्कि बैंक के निदेशक मंडल में उठाना चाहिए.
डिप्टी गवर्नर के बयान से खड़ा हुआ बवाल
गौरतलब है कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने हाल में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से संबंधित मुद्दा उठाया था. उन्होंने चेताया कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से छेड़छाड़ ‘विनाशकारी’ साबित हो सकती है.
सीबीआई ने कहा है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है, इसलिए राकेश अस्थाना को बेल नहीं मिलनी चाहिए. जब दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि मामले में जांच कहा तक आगे बढ़ी तो सीबीआई ने कहा कि अभी आधे से अधिक फाइल सीवीसी के पास हैं. इसलिए वह जांच आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं.
हालांकि, अस्थाना की गिरफ्तारी पर रोक अभी भी बरकरार है. सीबीआई ने अपने जवाब में कहा कि राकेश आस्थाना के ऊपर जो रिश्वत लेने का आरोप है, अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि जबतक जांच चल रही है, एफआईआर को रद्द नहीं करना चाहिए.
CBI की ओर से कहा गया कि अभी इस मामले में अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच हो रही है. राकेश अस्थाना की ओर से सीनियर वकील अमरेंद्र सेन कोर्ट में गए. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें सीबीआई के जवाब की कॉपी नहीं मिली है, इसलिए उन्हें अपना जवाब दायर करने के लिए समय चाहिए.
दरअसल, राकेश अस्थाना ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर बिल्कुल गलत है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि घूसकांड विवाद के बाद सीवीसी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था. इसके अलावा इस घूसकांड में राकेश अस्थाना पर FIR दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ वह कोर्ट पहुंचे थे.
केन्द्र सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पिछले कुछ दिनों से इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं. इन खबरों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने गवर्नर उर्जित पटेल को लेकर बड़ा बयान दिया है.
स्वदेशी जागरण मंच ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिये अन्यथा वह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन के मुताबिक, "आरबीआई के गवर्नर को सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिये वरना वह इस्तीफा दे सकते हैं."
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर के साथ-साथ अन्य अधिकारियों को सरकार के साथ किसी भी तरह की असहमति होने पर सार्वजनिक तौर पर बोलने से बचना चाहिए. महाजन ने कहा यदि सरकार के साथ किसी मुद्दे पर असहमति है तो उसे सार्वजनिक तौर पर नहीं बल्कि बैंक के निदेशक मंडल में उठाना चाहिए.
डिप्टी गवर्नर के बयान से खड़ा हुआ बवाल
गौरतलब है कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने हाल में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से संबंधित मुद्दा उठाया था. उन्होंने चेताया कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से छेड़छाड़ ‘विनाशकारी’ साबित हो सकती है.
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