Sunday, December 9, 2018

क्राउन प्रिंस सलमान के बारे में जानिए उनके टीचर से

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान विवादों में हैं. क्राउन प्रिंस बनने से पहले उनके बारे में बाहरी दुनिया को कम ही जानकारी थी.

मोहम्मद बिन सलमान की ज़िंदगी कैसी है और सऊदी राजमहल कैसा होता है, बता रहे हैं बीबीसी अरबी संवाददाता राशिद सेक्काई. राशिद मोहम्मद बिन सलमान के शिक्षक रह चुके हैं.

ऐसे बना मैं क्राउन प्रिंस का टीचर

साल 1996 की बात है. मैं उस वक़्त जेद्दा के नामी अल-अंजल स्कूल में पढ़ाता था. प्रिंस सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद (क्राउन प्रिंस के पिता) उस वक़्त रियाद के गवर्नर थे और अपने परिवार के साथ लाल सागर के तट पर बसे जेद्दा शहर में रहने के लिए आए थे.

उन्हें अपने बच्चों के लिए एक अंग्रेज़ी टीचर की ज़रूरत थी. प्रिंस सलमान बाद में देश के बादशाह बने.

टीचर के लिए प्रिंस सलमान ने उस स्कूल से संपर्क किया जहां मैं पढ़ाता था.

इसके बाद मुझे तुरंत ही राजमहल ले जाया गया और उनके परिवार में निजी टीचर के तौर पर नियुक्त किया गया. मेरी ज़िम्मेदारी थी प्रिंस टुर्की, प्रिंस नायफ़, प्रिंस ख़ालिद, और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाना.

मैं शहर में एक फ़्लैट में रहता था. मेरे लिए एक गाड़ी का इंतज़ाम किया गया था. सवेरे सात बजे एक ड्राइवर कार लेकर मेरे घर पहुंचता था और मुझे अल-अंजल स्कूल पहुंचाता था. इसके बाद वो स्कूल ख़त्म होने का इंतज़ार करता था और फिर मुझे लेकर राजमहल की ओर चल पड़ता था.

कार जिस गेट से होकर जाती थी वहां हथियारबंद जवानों की कड़ी सुरक्षा होती थी. इसके बाद कार जिस रास्ते से गुज़रती थी वहां आलीशान बंगले होते, जिन्हें देख कर आप अचंभे में पड़ जाएं. बंगलों के सामने बड़े-बड़े बगीचे थे, जिसकी देखरेख सफ़ेद पोशाक पहने कर्मचारी करते थे.

कार पार्किंग में पहुंचती थी, जहां पहले से ही कई चमचमाती लग्ज़री गाड़ियां खड़ी होती थीं. यहीं पहली बार मैंने एक गुलाबी रंग की कैडिलैक कार देखी थी.

राजमहल में पहुंचने पर राजमहल के निर्देशक मंसूर अल-शाहरी मेरा स्वागत करते. वो मुझे भीतर लेकर जाते. 11 साल के प्रिंस मोहम्मद उनके साथ खेलना पसंद करते थे.

वॉकी-टॉकी अधिक पसंद थी

मोहम्मद बिन सलमान को पढ़ाई से अधिक राजमहल के सुरक्षाकर्मियों में दिलचस्पी थी और वो उनके साथ वक़्त बिताना पसंद करते थे.

वो अपने सभी भाइयों में बड़े थे और अपने मन से काम करना अधिक पसंद करते थे.

मैं उनके छोटे भाइयों का ध्यान तभी तक बनाए रख सकता था बज तक मोहम्मद बिन सलमान वहां ना पहुंचें.

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